Chanakya Niti : धन से भी कही ज्‍यादा अनमोल है यह चीज़ न करें नज़रअंदाज़, जानिए क्या

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Chanakya Niti : धन से भी कही ज्‍यादा अनमोल है यह चीज़ न करें नज़रअंदाज़, जानिए क्या

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य अपनी चाणक्य नीति मे पैसे की तुलना एक तालाब में पड़े काई वाले बदबुदार पानी से क्यों की है.आचार्य चाणक्य बताते है कि कैसे यदि पैसे को सही जगह और सही समय पर इस्तेमाल ना किया जाए तो उसका व्यक्ति और व्यक्ति के जीवन पर क्या परिणाम होता है।

धन से भी ज्यादा अनमोल है यह चीज

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Chanakya Niti: धन से भी ज्‍यादा अनमोल है यह चीज़ न करें नज़रअंदाज़, जानिए क्या आचार्य चाणक्‍य ने दुनिया में सबसे ज्‍यादा महत्‍व धन का बताया है।चाणक्‍य कहते है धन के पीछे उतना ही भागना चाहिए, जितने की जरूरत हो. पैसों से व्यक्ति अपनी जरूरत की हर चीज खरीद सकता है। लेकिन धन के पीछे उतना ही भागना चाहिए, जितने की जरूरत हो क्योंकि पैसा कमाने के चक्कर में हम कई बार जरुरी चीज़ों को पीछे छोड़ देते है जो धन से भी ज्‍यादा कीमती होती हैं।

पैसे से की तुलना प्यार से

ज़िंदगी में जितनी ज़रूरत धन की होती है उतनी ही ज़रूरत प्यार की भी होती है। जीवन के लिए दोनों बहुत जरूरी होते हैं। पैसे की वजह से कभी अपने प्यार आउट अपनों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए और न ही प्यार को कभी पैसों से तुलना करना चाहिए आज हर कोई पैसे के पीछे इस कदर भाग रहा है की वो अपने परिवार को पीछे छोड़ रहा है रिश्तों के बीच में पैसा कभी नहीं लाना चाहिए। क्‍योंकि कोई व्यक्ति कितना भी धनवान क्यों न हो पर कभी प्यार को नहीं खरीद सकता है।

स्वाभिमान सबसे जरुरी

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चाणक्‍य नीति के अनुसार व्यक्ति को कभी भी अपने आत्म सम्मान के साथ समझौता नहीं करना चाहिए। किसी भी व्‍यक्ति को अगर स्वाभिमान के लिए पैसों का त्याग भी करना पड़े तो उसे कभी पीछे नहीं हटना चाहिए।क्योंकि व्‍यक्ति अपनी काबिलियत और मेहनत के बल पर दोबारा पैसा कमा सकता है। लेकिन अगर एक बार वह खुद की नज़रों में गिर गया तो वापस कभी उठा नहीं सकता।

धर्म की एहमियत

आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि अगर कोई व्‍यक्ति धन कमाने के चक्कर में अपने धर्म का त्‍याग कर दे तो समाज में उसकी प्रतिष्ठा खत्‍म हो जाती है धर्म ही मनुष्य को सही और गलत की पहचान करना सिखाता है। इसलिए व्‍यक्ति चाहे किसी भी धर्म को हो पर उसे अपने धर्म को हमेशा धन से ऊपर रखना चाहिए।

Disclaimer : यहां दी गई सम्पूर्ण जानकारी धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं।

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