संतान सुख पाने के लिए इस दिन रखा जाएगा पुत्रदा एकादशी का व्रत, जाने मुहूर्त और विधि
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सनातन धर्म के अनुसार पौष मास की शुक्ल पक्ष एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। और पुत्रदा एकादशी का विशेष महत्व माना जाता है और ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। इसके आलावा अगर किसी को संतान सुख की प्राप्ति नहीं होती है तो पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से उन्हें संतान सुख की प्राप्ति भी हो जाती है। जाने इस साल पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त क्या है और किस मुहूर्त में पूजा करने से सही फल की प्राप्ति होती है।
जानिए कब है पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त
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आपको बता दे की पौष शुक्ल पक्ष एकादशी की तिथि 20 जनवरी 2024 को शाम 7:26 से शुरू हो रही है। और यह 21 जनवरी शाम 7:26 तक एकादशी की तिथि रहेगी। लेकिन उदया तिथि होने के कारण 21 जनवरी को हीं एकादशी की तिथि सही मानी जाएगी। और इस दिन सुबह 8:34 से दोपहर 12:32 तक पूजा का शुभ मुहूर्त है. पुत्रदा एकादशी पर सुबह 7:23 से रात 7:26 तक भद्रा भी रहेगी, हालांकि भद्रा का वास स्वर्ग में होगा और स्वर्ग की भद्रा का दुष्प्रभाव धरती पर नहीं होता है।
पुत्रदा एकादशी 2024 पूजा विधि
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- अगर आप भी संतान सुख पाना चाहते है और आप यह व्रत रखना चाहते है तो। आपको बता दे की पुत्रदा एकादशी तिथि पर ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले स्नान कर भगवान विष्णु को प्रणाम करें।
- संभव हो तो गंगा स्नान करें और प्रभु का ध्यान करें. फिर आचमन कर व्रत का संकल्प लें।
- इस दिन पील रंग के वस्त्र पहनें. पीले रंग के कपड़े पहनने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
- सबसे पहले सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें और उसके बाद पंचोपचार कर विधि-विधान से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें।
- विष्णु जी को पीला रंग अति प्रिय है इसलिए उन्हें पीले रंग के फूल, फल और मिठाई अर्पित करें।
- पूजा के समय विष्णु चालीसा का पाठ करें और अंत में आरती कर सुख-समृद्धि, पुत्र प्राप्ति और धन वृद्धि का कामना करें।
- दिन भर उपवास रखें और शाम में आरती कर फलाहार करें।
- एकादशी तिथि पर जागरण करने का विधान भी है इसलिए शाम में जागरण अवश्य करें।
ब्रह्म मुहूर्त में करें पूजा तो मिलेगा विशेष फल
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आपको बता दे की इस बार पुत्रदा एकादशी पर ब्रह्म मुहूर्त लग रहा है, जो की बहुत फलदायी होने वाला है। इस योग का निर्माण 21 जनवरी की सुबह 7:26 बजे से शाम के साथ 07:23 बजे तक हो रहा है. इस योग में पवित्र नदियों में स्नान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं पुत्रदा एकादशी के दिन-दान, धर्म का भी विशेष महत्व माना गया है और गरीब तथा साधु-संत को भोजन करवाने से भी विशेष फल की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं इसके आलावा भी पुत्रदा एकादशी करने से संतान को कैरियर में लाभ मिलता है और जो पुत्रदा एकादशी का व्रत रखते हैं वह इस लोक में पुत्र पाकर मृत्यु के बाद स्वर्ग को प्राप्त करते हैं. इस व्रत को रखने से जिस फल की प्राप्ति होती है वह कई साल तपस्या करने से भी नहीं मिलता है.